मसीहुज़्ज़मा अंसारी | इंडिया टुमारो
नई दिल्ली, 14 सितंबर | दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र नेता और एक्टिविस्ट उमर ख़ालिद को दिल्ली दंगों की साज़िश के आरोप में 11 घंटे की पूछ-ताछ के बाद रविवार देर रात गिरफ्तार कर लिया है.
इंडिया टुमारो से बात करते हुए उमर खालिद के पिता डॉ० क़ासिम रसूल इलियास ने बताया कि, “उमर ख़ालिद को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रविवार रात 11:00 बजे लम्बी पूछताछ के बाद UAPA के तहत गिरफ्तार किया है और उनपर एफआईआर संख्या 59/20 में IPC की धारा 120 B, 302, 307, 109, 114, 147, 149 और आर्मस एक्ट के मामले दर्ज किए गए हैं.”
स्पेशल सेल इस से पहले भी उमर ख़ालिद से दिल्ली दंगों के सम्बंध में पूछताछ कर चुकी है. इससे पूर्व पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उमर ख़ालिद का मोबाइल फोन भी जांच के लिए जब्त किया था.
दिल्ली हिंसा की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा उमर की गिरफ्तारी की पुष्टि दिल्ली पुलिस अधिकारियों द्वारा भी की गयी है.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए दंगे में पुलिस ने एडिनशल चार्जशीट दायर की है जिसमें उमर ख़ालिद समेत कई बड़े नाम भी शामिल हैं.
दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल आरोपपत्र में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और अन्य प्रमुख लोगों के नाम सामने आए हैं.
दिल्ली हिंसा मामले में खालिद समेत आठ लोगों के खिलाफ स्पेशल सेल ने गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इंडिया टुमारो से बात करते हुए उमर खालिद के पिता डॉ० क़ासिम रसूल इलियास ने कहा कि, “उमर निर्दोष है और इनके खिलाफ पुलिस की कार्रवाई सरकार की हताशा को दर्शाती है. बहुत से बुद्धजीवियों को आरोपी बनाया गया है जो शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे.”
उन्होंने कहा, “उमर पर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं और हमें पूरा भरोसा है कि वो इन आरोपों से जल्द बरी होगा.”
उमर खालिद पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा से पहले कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिए जाने का आरोप है.
खालिद समेत एफआईआर की जद में आए सभी के खिलाफ देशद्रोह, हत्या, हत्या का प्रयास और दंगा सहित कई संगीन आरेप हैं.
ज्ञात हो कि सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों पर अचानक हुए हमले के बाद 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें कम से कम 53 लोग मारे गए और लगभग 200 से अधिक लोग घायल हुए थे.