इंडिया टुमारो
जयपुर, 16 सितंबर | नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शनों के दौरान देश की राजधानी दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट इलाकों में फ़रवरी में प्रदर्शनकारियों पर हमले के बाद हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा छात्रों और युवाओं की गिरफ्तारी जारी है और इसी क्रम में बीते रविवार जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया.
उमर की गिरफ्तारी के बाद देश भर में छात्रों, युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिस की इस कार्यवाही के खिलाफ विरोध दर्ज करवाया. इसी क्रम में मंगलवार को जयपुर के गांधी सर्किल पर प्रदेश की स्टूडेंट कम्युनिटी की तरफ से विरोध प्रदर्शन किया गया.
ज्ञात हो कि खालिद पर अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के अलावा 18 अन्य धाराएँ लगाई गई हैं जिसके बाद उन्हें सोमवार को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है.
जयपुर में हुए प्रदर्शन में विरोध दर्ज कराने पहुंची CPI नेता निशा सिद्धू ने कहा कि, “दिल्ली दंगों में पुलिस की कार्यवाही पूर्वाग्रह से ग्रसित है, जिसको गिरफ्तार करना चाहिए वो तो खुलेआम घूम रहे हैं. पुलिस तमाम छात्रों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर हमारी आवाज़ दबाना चाहती है, जो लोकतंत्र में संभव नहीं है.”
वहीं मज़दूर किसान शक्ति संगठन के मुकेश गोस्वामी ने कहा कि, “देश के प्रधानमंत्री तानाशाह की तरह व्यवहार कर रहे हैं और दिल्ली पुलिस दंगा भड़काने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही जबकि निर्दोष लोगों को जेलों में भरा जा रहा है.”
उन्होंने राजस्थान पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि, “अशोक गहलोत और अमित शाह की पुलिस में कोई फ़र्क़ नहीं रह गया. कांग्रेस को समझ लेना चाहिए कि उन्हें अब प्रताड़ितों के साथ खड़ा होना ही होगा.”
इसके साथ ही राजस्थान समग्र सेवा संघ के सवाई सिंह का कहना था कि, “देश में लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा है, विरोध की आवाज़ उठाने वाले देशद्रोही बनाये जा रहे हैं.”
उमर खालिद पर दिल्ली में दंगा फैलाने की साजिश के आरोप लगे हैं. पुलिस के मुताबिक खालिद ने अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान लोगों से सड़कों पर उतरने की अपील की थी.
हालाँकि दिल्ली पुलिस की दंगों पर की जा रही जाँच पर सवाल उठ रहे हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता राशिद हुसैन ने कहा की, “नागरिकता संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ़ पूरे देश में शांति पूर्वक विरोध प्रदर्शन हुए जिसमें सभी धर्मों की संविधान संरक्षण की वकालत करने वाले लोग शामिल हुए. लेकिन भाजपा नेताओं ने अनर्गल बयान दिए जिससे साम्प्रदायिकता बढ़ी और दंगे भड़क उठे.”
विरोध प्रदर्शन में नागरिक मंच से अनिल गोस्वामी, CPM नेता संजय माधव, AIRSO नेता रितांश आज़ाद, राशिद हुसैन, विजय स्वामी, मानस भूषण, अहमद कासिम जैसे कई सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे.