मसीहुज़्ज़मा अंसारी | इंडिया टुमारो
पटियाला | मलेरकोटला पंजाब के सिख-मुस्लिम सांझा फाउंडेशन ने कृषि बिल के विरोध में रविवार को पंजाब के पटियाला में प्रदर्शन कर रहे किसानों को खाना परोसा. मलेरकोटला का सिख-मुस्लिम साँझा फाउंडेशन मुसलमानों और सिखों में सौहार्द बढ़ाने और अपने सामाजिक कार्यों के लिए जाना जाता है.
कृषि बिल को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहा है जिसमें पंजाब और हरियाणा के किसान सड़कों पर इस बिल का विरोध कर रहे हैं. इसी क्रम में पटियाला में भी रविवार को भारतीय किसान यूनियन (उग्रहा) के नेतृत्व में लगभग 25 हज़ार किसानों ने बिल के विरोध में प्रदर्शन किया.
प्रदर्शन में दूर दराज़ से आए किसानों को खाना परोसने के लिए मलेरकोटला का सिख-मुस्लिम सांझा फाउंडेशन खाना लेकर पटियाला पहुंचा और किसानों के लिए लंगर चलाया.
इंडिया टुमारो से बात करते हुए मलेरकोटला पंजाब के सिख-मुस्लिम सांझा फाउंडेशन के प्रमुख डॉ० नासिर अहमद ने बताया कि, “किसान अपने अधिकार के लिए प्रदर्शन करने के लिए काफी दूर से सफ़र कर के पटियाला पहुंचे थे. ऐसे में हमने अपनी ज़िम्मेदारी समझी की हम उनके लिए भोजन की व्यवस्था करें. ये हमारा कर्तव्य था जिसे हमने किया.”
इससे पहले भी सिख-मुस्लिम सांझा फाउंडेशन ने स्वर्ण मंदिर में लंगर के लिए अनाज की कमी की ख़बर सुनकर 330 क्विंटल गेहूं लेकर अमृतसर पहुंचा था. इस क़दम की देशभर में सराहना हुई थी.
सिख-मुस्लिम सांझा के प्रमुख डॉ० नसीर अहमद ने इंडिया टुमारो से बात करते हुए बताया था कि, “स्वर्ण मंदिर में चलने वाले लंगर में अनाज की कमी की ख़बर सुनकर मलेरकोटला के सभी मुसलमानों ने 330 क्विंटल गेहूं इकठ्ठा किया और हम उसे लेकर अमृतसर स्वर्ण मंदिर पहुंचे.”
उन्होंने कहा, “सिख भाई हमेशा हमारे लिए खड़े रहते हैं और जब भी ज़रूरत पड़ती है तो मुसलमानों और अन्य लोगों के लिए निःस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं.”
CAA विरोधी आन्दोलन का ज़िक्र करते हुए डॉ० नासिर ने कहा, “हमें याद होना चाहिए कि यही सिख भाई और भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता हज़ारों की संख्या में शाहीन बाग़ में हमारी माओं –बहनों को समर्थन देने पहुंचे थे और लंगर भी चलाया था.”
भारतीय किसान युनियन के अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह उग्रहा ने भी सिख-मुस्लिम सांझा के प्रयासों की सराहना की और इसे मानवता के लिए एक मिसाल बताया.
भारतीय किसान युनियन और देश भर के दर्जनों संगठन केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि बिल का विरोध कर रहे हैं. 25 सितंबर को किसान संगठनों ने हरियाणा बंद का आह्वान किया है. कृषि संगठनों का ये भी कहना है कि अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती तो जल्द ही देशव्यापी प्रदर्शन होंगे.