मसीहुज़्ज़मा अंसारी | इंडिया टुमारो
नई दिल्ली, 26 अगस्त | उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद राज्य से अपराध ख़त्म करने का संकल्प लिया था. इस संकल्प में प्रदेश में इतने एनकाउंटर हुए कि ये राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना. इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकने के लिए एंटी रोमियो स्क्वायड भी बनाया गया.
इन प्रयासों के बाद भी योगी सरकार के तीन साल पूरा होने पर प्रदेश में अपराध घटने के बजाए बढ़ते जा रहे हैं. पिछले महीने विकास दूबे द्वारा आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से उत्तर प्रदेश की क़ानून व्यवस्था पर लगातार सवाल उठ रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में जिस समय राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम चल रहा था और योगी आदित्यनाथ प्रदेश की जनता को ‘रामराज्य’ की स्थापना का आभास दिला रहे थे उसी समय प्रदेश में बहुत सी आपराधिक घटनाएं ज़ुल्म, प्रताड़ना और क़ानून व्यवस्था के शून्य होने की कहानी गढ़ रही थीं.
रिपोर्ट बताती है कि भाजपा सरकार में पिछले दो वर्षों में 90 से अधिक अपराधियों को मुठभेड़ में मारा जा चुका है. तकरीबन 12,000 अपराधी जेलों में बंद किए गए हैं. इसके बावजूद उत्तर प्रदेश में अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा.
प्रदेश में एक तरफ माफियाओं का गैंग अपराध में लिप्त है तो दूसरी तरफ महिलाओं से सम्बंधित अपराधों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में महिलाओं के ख़िलाफ़ 2018 में कुल 378,277 मामले हुए. केवल यूपी में 59,445 मामले दर्ज किए गए. इन आंकड़ों के अनुसार देश के कुल महिलाओं के साथ किए गए अपराध का लगभग 15.8% है.
एक तरफ महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं तो दूसरी तरफ 181 वीमेन हेल्पलाइन बंद होने की बात कही जा रही है. रिपोर्ट के अनुसार इन वीमेन हेल्पलाइन वर्कर्स को एक साल से सैलरी भी नहीं मिली है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रदेश में बढ़ रहे अपराध को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है. प्रदेश में पिछले तीन महीने में तीन पत्रकारों की हत्या हुई है. उन्होंने पत्रकारों की हत्या का ज़िक्र करते हुए टि्वट किया है और चिंता जताई है.
उन्होंने ट्वीट कर आंकड़ा देते हुए कहा है, “19 जून – श्री शुभममणि त्रिपाठी की हत्या, 20 जुलाई – श्री विक्रम जोशी की हत्या, 24 अगस्त- श्री रतन सिंह की हत्या, बलिया पिछले 3 महीनों में 3 पत्रकारों की हत्या। 11 पत्रकारों पर खबर लिखने के चलते एफआईआर हो चुकी है. यूपी सरकार का पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता को लेकर ये रवैया निंदनीय है.”
कांग्रेस महासचिव ने अपने ट्वीट में कटाक्ष करते हुए कहा है कि भले ही यूपी के मुख्यमंत्री सरकार के कामकाज की गति बताते रहते हैं, लेकिन सूबे में अपराधों की गति उनकी तुलना में कहीं ज़्यादा है.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश में बढ़ते अपराध पर कहा है कि प्रदेश की जनता असुरक्षित है और भाजपा ने उत्तर प्रदेश को अपराधों की शरणस्थली बना दिया है.
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी की राजनीति से हिंसा को बल मिल रहा है. उन्होंने आंकड़े देते हुए कहा है:
●मुख्यमंत्री के वीवीआईपी जिले गोरखपुर में दिनदहाड़े डबल मर्डर.
●बलिया में पत्रकार रतन सिंह को अपराधियों ने गोली मारी.
ज्ञात हो कि भाजपा शासन में इसके पूर्व भी कई पत्रकारों की हत्याएं हुई हैं.
योगी सरकार ने एनकाउंटर कर अपराधियों का सफाया करने का दावा किया था:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालने के साथ ही अपराधियों का एनकाउंटर करने का अभियान चलाया था. उन्होंने ये दावा किया था कि अपराधी या तो ठोक दिए गए या प्रदेश छोड़ के भाग गए. हालांकि पिछले महीने कानपुर में विकास दूबे गैंग द्वारा 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद इस दावे की पोल खुल गयी थी.
योगी सरकार में बढ़ रही हैं आपराधिक घटनाएं:
●आजमगढ़ में बीडीसी सदस्य की गोली मारकर हत्या हुई.
●सुल्तानपुर में आबकारी सिपाही को गोली मारी गई.
●बाराबंकी में युवक की धारदार हथियार से हत्या की गई.
●गाजियाबाद में युवक को 6 गोलियां मारी गई.
●फैजाबाद में बीजेपी नेता की हत्या हुई.
●लखीमपुर में स्कॉलरशिप फार्म भरने गई 18 साल की लड़की की रेप के बाद हत्या कर दी गई.
राजधानी लखनऊ में बढ़ रहा अपराध:
●कबीरमठ के अंदर प्रशासनिक अधिकारी को सुबह करीब 9 बजे सोमवार को गोली मारी गई.
●पिछले हफ्ते बंथरा में प्रेमी के संग निकली युवती का शव पेड़ से लटका मिला.
●सीतापुर रोड पर एक युवती के अपहरण का प्रयास हुआ.
●चिनहट के मटियारी क्षेत्र में दो भाइयों ने तीसरे भाई की हत्या कर दी.
●दुबग्गा में एक कालोनी में पड़ोसी युवक ने मजदूर की नाबालिग बेटी से दुष्कर्म किया.
हाल में घटित होने वाली घटनाओं के ये चंद आँकड़े हैं जो प्रदेश में क़ानून व्यवस्था का हाल बयान कर रहे हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी की तरह अखिलेश यादव ने भी अपराध की घटनाओं का आंकड़ा साझा किया है.
इस के साथ ही आज़मगढ़, कुशीनगर, मऊ, बलिया, जौनपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई ज़िले सामंती उत्पीड़न के शिकार हैं. आज़मगढ़ के सरायमीर में हाजीपुर गाँव में पिछले महीने एक दलित परिवार पर गाँव के अन्य जाति के दबंगों ने जानलेवा हमला किया. एक महीना बीत जाने पर भी दलित परिवार पर हमला करने वाले गिरफ्तार नहीं किए जा सके हैं. आज़मगढ़ में ही एक प्रधान की हत्या का मामला भी पिछले दिनों सामने आया था.
बहुत से दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यक पुलिस द्वारा हाफ एनकाउंटर के शिकार हैं जिनके पैरों में गोली मार कर उन्हें छोड़ दिया गया है.
एक तरफ भाजपा सरकार ‘रामराज्य’ के स्वप्न दिखा रही है तो दूसरी तरफ प्रदेश के दलित, अल्पसंख्यक और ओबीसी सरकारी और सामंती प्रताड़ना के शिकार हैं.
पूर्वांचल के कई शहरों में पुलिस और सामंती उत्पीड़न की दर्जनों घटनाएं प्रदेश की क़ानून व्यवस्था की तस्वीर बयान कर रहे हैं.